Skip to main content

अन्य

 अब यहां वहां की
व्यर्थ की आशाएं छोड़ो।
जिसे तुम खोज रहे हो
वह तुम्हारे भीतर बैठा है।
तुम कहां दौड़े जा रहे हो?
आंख बंद करो,
अपने में डुबकी लगाओ!


ये दुनिया क्षणभंगुर है! 
और तुम यहाँ बड़े–बड़े सपने सजाए बैठे हो... 
यहाँ जब तक तुम्हारे पैर जमेगें, 
तब तक दुनिया से विदा होने का वक्त आ जाएगा...! 

Comments

Popular posts from this blog

जिंदगी की भूल नही है। जीने के ढंग में भूल है। जीने का ढंग न आया। गलत ढंग से जीए। तो जहां स्वर्ण बरस सकता था, वहां हाथ में केवल राख लगी। जहां फूल खिल सकते थे, वहां केवल कांटे मिले। और जहां परमात्मा के मंदिर के द्वार खुल जाते, वहां केवल नर्क निर्मित हुआ। तुम्हारी जिंदगी तुम्हारे हाथ में है। जिंदगी कोई निर्मित घटना नही है, अर्जित करनी होती है। जिंदगी मिलती नही, बनानी होती है। मिलती तो है कोरी स्लेट, कोरा कागज। क्या तुम उस पर लिखते हो, वह तुम्हारे हाथ में है। तुम दुख की गाथा लिख सकते हो। तुम आनंद का गीत लिख सकते हो।